स्वर:- गुंजन सिंह
ओ हो हो हो......आ..... हुम्म....।
(दिल रो रहा है उन्हें याद करके)2
(गए जो मोहब्बत में बर्बाद करके) 2
तड़पता है ये दिल उन्हें याद करके
दिल रो रहा है उन्हें याद करके
सनम जिनको समझा सितमगर वो निकले
सितम कर गए वो जख्म देकर बिछड़े
कसूर आंखों का था जख्म दिल को मिल गया
पलकों में जिनको बसाया था अपने
पल में बिखर कर गए सारे सपने
(घर किसी और का आबाद करके )2
दिल रो रहा है उन्हें याद करके
गए जो मोहब्बत में बर्बाद करके
आ.... हो.....आ......।
है उनको खबर नहीं दिल मेरा टूटा
हंस हंस के उसने गुंजन को लूटा
तरप तो मैं भी रहा हूं तरपना तुझे भी परेगा
इल्जाम उल्टा उसने लगाया बेवफा सबसे हमही
बताया
( रहे खुश कहे मोहित फरियाद करके)2
दिल रो रहा है उन्हें याद करके
(गए जो मोहब्बत में बर्बाद करके )2
तड़पता है ये दिल उन्हें याद करके
दिल रो रहा है उन्हें याद करके

